[9] शुष्क उत्तर-पश्चिमी व्यापारिक पवन और उनके चरम स्वरूप हारमट्टन,
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[9] शुष्क उत्तर-पश्चिमी व्यापारिक पवन और उनके चरम स्वरूप हारमट्टन,
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व्यापारिक पवन, अयन वृत्तों से भूमध्य रेखा की ओर निरन्तर बहने वाली वायु
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सतत रूप से बहनेवाली इन हवाओं को ‘ व्यापारिक पवन ' कहा जाता है।
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शुष्क उत्तर-पश्चिमी व्यापारिक पवन और उनके चरम स्वरूप हारमट्टन में उत्तरी बदलाव से प्रभावित होते हैं और परिणामित दक्षिणावर्ती पवन ग्रीष्म काल में वर्षा लेकर आती हैं।
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शुष्क उत्तर-पश्चिमी व्यापारिक पवन और उनके चरम स्वरूप हारमट्टन, ITCZ में उत्तरी बदलाव से प्रभावित होते हैं, और परिणामित दक्षिणावर्ती पवन ग्रीष्मकाल में वर्षाएं लेकर आती हैं।
7.
दक्षिणी अक्षांश के क्षेत्रों अर्थात उपोष्ण उच्च वायुदाब कटिबन्धों से भूमध्यरेखिय निम्न वायुदाब कटिबन्ध की ओर दोनों गोलाद्धों में वर्ष भर निरन्तर प्रवाहित होने वाले पवन को व्यापारिक पवन (
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सामान्यतः व्यापारिक पवन समुद्र के गर्म सतही जल को दक्षिण अमेरिकी तट से दूर ऑस्ट्रेलिया एवं फिलीपींस की ओर धकेलते हुए प्रशांत महासागर के किनारे-किनारे पश्चिम की ओर बहती है।
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सामान्यतः व्यापारिक पवन समुद्र के गर्म सतही जल को दक्षिण अमेरिकी तट से दूर ऑस्ट्रेलिया एवं फिलीपींस की ओर धकेलते हुए प्रशांत महासागर के किनारे-किनारे पश्चिम की ओर बहती है।
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नियमित दिशा में निरंतर प्रवाह के कारण प्राचीन काल में व्यापारियों को पालयुक्त जलयानों के संचालन में इन हवाओं से काफी मदद मिलती थी, जिस कारण इन्हें व्यापारिक पवन कहा जाने लगा।